मन में उत्साह उमंग है
एक अलग सी तरंग है
जिसके अनोखे रंग हैं
इससे मन उतंग है
और बन गया पतंग है
विचारों की डोर संग है
जीवन के लिए नई जंग है
क्योंकि
आज वर्षांत है
मन कुछ क्लांत है
पर नये वर्ष का प्रारंभ
मन में भर रहा आनन्द है
संकल्पों को लेकर द्वंद है
पर क्षण अब कुछ चंद हैं
फैसला करना जल्द है
क्योंकि
वर्ष पहन रहा ह नया चोला
पुरानी आदतों में हैं कुछ शोला
इसीलिए मन मेरा बोला
न बन तू भोला
ये सब हैं करेला
कर देगें तुझे अकेला
जीवन तो है एक मेला
गर इनको बाहर न ठेला
तो होगा बड़ा झमेला
इसीलिए
संकल्पों का गुलदस्ता
मन में रखा अहिस्ता
इनसे जोड़ना है नाता
मन में खोलना है खाता
रोज़ अभ्यास का तांता
लगाना ही होगा भ्राता
इससे निखार आता
जीवन सुधर है जाता
Hope this year will be a prosperous and revolutionary year for you
Good Luck
All the Best
Dr. Chanchal Jain